संक्षेप में
- होली एक प्रमुख हिंदू त्योहार है जो वसंत के आगमन और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।
- होली के उत्सव में होलिका और प्रह्लाद की कहानी बहुत ही महत्वपूर्ण है।
- होली के त्योहार में लोग एक दूसरे के ऊपर रंग लगते हैं, मिठायी खाते हैं और रात को आग जलाकर बैठते हैं।
Holi कब है, ये तो सभी को पता होगा; पर क्या आपको पता है हम होली क्यों मानते हैं? Holi का नाम सुनते ही मन में ख़ुशी और उल्लास की भावना उत्पन्न हो जाती है। होली, रंगों का त्यौहार है जिसमे बच्चे से लेकर बूढ़े व्यक्ति तक शामिल हो कर धूम धाम से इस दिन को सबके साथ मिलकर खुशियों से मनाते हैं इसलिए इस त्यौहार को सब खुशियों का त्यौहार भी कहते हैं।
होली हिंदू धर्म का सबसे प्रमुख और रंगारंग त्योहारों में से एक है। इसे खुशी, उमंग और नवीनता का प्रतीक माना जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि होली का इतिहास क्या है और यह त्यौहार क्यों मनाया जाता है? इसके पीछे एक गहरी पौराणिक होली की कहानी निहित है जो अच्छाई की बुराई पर विजय को दर्शाती है।
Holi क्या है – What is Holi in Hindi
होली एक हिंदू त्योहार है जो सर्दियों के अंत और वसंत के आगमन का जश्न मनाता है। त्योहार के दौरान लोग रंगों से खेलते हैं और आनंद लेते हैं। होली खुश होने, क्षमा करने और प्यार का जश्न मनाने का समय है।
Holi का दिन बड़ा ही शुभ दिन होता है। ये पर्व हर साल वसंत ऋतू के समय फागुन यानि की मार्च के महीने में आता है जिसे पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। ये सबसे ज्यादा ख़ुशी देने वाला त्यौहार होता है।
इस साल 8 मार्च को देश भर में हर जगह होली खेली जाएगी। भारत के कुछ हिस्सों में इस त्यौहार को किसान अच्छी फसल पैदा होने की ख़ुशी में भी मनाते हैं।
Holi का ये उत्सव फागुन के अंतिम दिन होलिका दहन की शाम से शुरू होता है और अगले दिन सुबह सभी लोग आपस में मिलते हैं, गले लगते हैं और एक दुशरे को रंग और अबीर लगाते हैं। इस दौरान पूरी प्रकृति और वातावरण बेहद सुन्दर और रंगीन नज़र आती है। इस पर्व को एकता, प्यार,खुसी, सुख और बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में जाना जाता है।
त्योहार | होली |
अन्य नाम | फगुआ, धुलेंडी, छारंडी (राजस्थान में), दोल |
अनुयायी | हिन्दू, भारतीय, भारतीय प्रवासी, नेपाली, नेपाली प्रवासी |
प्रकार | धार्मिक, सांस्कृतिक, वसंत ऋतु का त्योहार |
महत्व | विजय का प्रतीक, राधा-कृष्ण के दिव्य प्रेम का उत्सव, वसंत के आगमन का जश्न |
उत्सव | होलिका दहन, रंगों के साथ खेलना, गाना-बजाना, मिठाइयाँ |
आवृत्ति | वार्षिक |
संबंधित | होला मोहल्ला, याओसांग |
तारीख | 25 मार्च, 2024 |
Holi कितनी तारीख को है?
होली 2024 भारत में सोमवार, 25 मार्च को है। होली की तारीख भारतीय कैलेंडर के हिसाब से तय होती है और हर साल इसमें बदलाव होता है। यह आमतौर पर हर महीने के मार्च में मनाया जाता है।
होली की कहानी (Story of Holi)
होली मानाने के पीछे अनेको पौराणिक कहानियां जुडी हुई हैं जिनमे से सबसे प्रचलित कहानी है प्रह्लाद और उनकी भक्ति की।
Holi का पौराणिक महत्व
होली की उत्पत्ति हिरण्यकश्यप और उनके पुत्र प्रह्लाद की होलिका दहन की कथा से जुड़ी हुई है। हिरण्यकश्यप अहंकारी और अभिमानी थे। उन्होंने अपने आप को ईश्वर का समकक्ष मानना शुरू कर दिया था।
उनके पुत्र प्रह्लाद भगवान विष्णु के भक्त थे। हिरण्यकश्यप ने अपने पुत्र को भगवान से दूर करने की कई कोशिशें की, लेकिन प्रह्लाद अटल रहे।
प्रह्लाद और होलिका की कहानी
जब कोई भी तरीका काम नहीं आया, तो हिरण्यकश्यप ने अपनी बहन होलिका से मदद मांगी। होलिका एक विशेष वरदान प्राप्त थी जिसके अनुसार उसे आग नहीं लग सकती थी। उसने प्रह्लाद को गोद में लिया और एक भयंकर आग में कूद गई। लेकिन प्रह्लाद भगवान विष्णु का नाम लेते रहे और उनकी असीम कृपा से वह बच गए, जबकि होलिका जल कर राख हो गई।
यह घटना हिरण्यकश्यप के अहंकार को और भी बढ़ा दी। अंत में भगवान विष्णु ने नरसिंह अवतार लिया और हिरण्यकश्यप का वध किया। इस प्रकार अच्छाई ने बुराई पर विजय प्राप्त की।
Holi क्यों मनाया जाता है?
होली का त्यौहार प्रह्लाद और होलिका की इसी कथा से प्रेरित है। होलिका दहन के रूप में लोग गुड़-गोबर की आकृति बनाकर उसे आग लगाते हैं, जो होलिका के दहन का प्रतीक है। रंग लगाना और फागुन की शाम को होली खेलना बुराई पर अच्छाई की जीत को मनाने का प्रतीक है।
Holi कैसे मनाई जाती है (How Holi is Celebrated)
होली के त्योहार में अक्सर लोग एक-दूसरे पर रंग का पानी और पाउडर फेंकते हैं। यह उत्सव आमतौर पर मार्च के दूसरे सप्ताह में आयोजित किया जाता है और इसे “रंगों के त्योहार” के रूप में जाना जाता है। यहाँ कुछ तरीके दिए गए हैं जिनमें होली मनाई जाती है:
#1: होलिका दहन
होलिका दहन उत्सव के पहले दिन से शुरू होता है। लोग सूर्यास्त के बाद खुले मैदान में अलाव जलाते हैं, पूजा (प्रार्थना) करते हैं, और आग के चारों ओर गाते और नृत्य करते हैं क्योंकि यह बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।
#1: रंग फेंकना
उत्सव के दूसरे दिन, लोग रंगों से खेलते हैं और पानी और रंगीन पाउडर से सराबोर हो जाते हैं। कुछ लोग सुगंधित पानी का उपयोग करते हैं, लेकिन आजकल ज्यादातर लोग व्यावसायिक रूप से तैयार किए गए रंगों का उपयोग करते हैं।
#2: गुजिया और अन्य व्यंजन
होली के दौरान लोग मिठाई और नमकीन खाकर खुशी मनाते हैं। उदाहरण के लिए, एक मीठी पेस्ट्री है जिसे गुजिया कहा जाता है, एक स्वादिष्ट नाश्ता जिसे मठरी कहा जाता है, और एक ठंडा पेय जिसे ठंडाई कहा जाता है।
#3: संगीत और नृत्य
जब संगीत और नृत्य शामिल होता है तो लोग उत्सव का अधिक आनंद लेते हैं। वे एक साथ मिलते हैं और ढोल (एक प्रकार का ढोल) की थाप पर नाचते हैं या लोक गीत गाते हैं।
#4: क्षमा और एकता
Holi एकता और क्षमा का दिन है। लोग एक-दूसरे को जानने और पिछली गलतियों को भुलाकर संघर्षों को सुलझाने की कोशिश करते हैं। यह कर्ज चुकाने या माफ करने और अपने जीवन में उन लोगों के साथ नए सिरे से शुरुआत करने का दिन है।
Holi के दौरान, भारत के विभिन्न हिस्सों में लोग कई अलग-अलग तरीकों से मनाते हैं। उदाहरण के लिए, उत्तर प्रदेश में, महिलाएं पुरुषों को पीटने के लिए लाठी का इस्तेमाल करती हैं, जबकि गुजरात के बरसाना में लोग एक-दूसरे के साथ राधा-कृष्ण की होली खेलते हैं। अन्य स्थानों, जैसे राजस्थान और गुजरात में, लोग संगीत, नृत्य और भोजन के साथ खूब मस्ती करते हैं।
किसकी याद में Holi जलाई जाती है?
ईश्वर भक्त प्रह्लाद की याद में इस दिन होली जलाई जाती है।
2024 में Holi कब है?
2024 में Holi 25 मार्च को है, जो देशभर में 25 मार्च को मनाई जाएगी। 24 मार्च की शाम को होलिका दहन होगा। उसके बाद 25 को छोटी और 26 तारीख को पूरे देश, दुनिया में होली का त्यौहार मनाया जाएगा।
Holi एक ऐसा त्यौहार है जिसे देश का हर प्रान्त बड़ी धूमधाम से मनाता है। अलग अलग प्रान्तों में उनके सांस्कृति के अनुसार इसे रीती निति से मनाया जाता है। यह त्यौहार हमें जीवन में सबके साथ मिलझूलकर रहने की प्रेरणा देता है।
होली कैसे खेलते हैं?
होली भारत में मनाया जाने वाला रंगों का त्योहार है। सुरक्षित और सुखद अनुभव से होली कैसे खेला जाता है इसके लिए यहां कुछ सुझाव दिए गए हैं।
- अपने हाथों को टैनिंग और रंगों से बचाने के लिए सुरक्षात्मक कपड़े जैसे पूरी बाजू का कुर्ता या टी-शर्ट पहनें।
- औद्योगिक रंगों और धातु के रंगों के बजाय पर्यावरण के अनुकूल और प्राकृतिक रंगों का प्रयोग करें।
- होली खेलते समय अंडे और मिट्टी के प्रयोग को हतोत्साहित करें क्योंकि ये हानिकारक और अनहेल्दी हो सकते हैं। गंदे पानी के उपयोग से बचने के लिए साफ पानी को संभाल कर रखें।
- हाइड्रेटेड रहने के लिए खूब पानी पिएं क्योंकि सूरज आपकी सारी ऊर्जा का उपयोग कर सकता है।
- होली के उत्सव के बाद बेसन, दही और हल्दी के मिश्रण से स्नान करें, जिससे रंग प्रभावी रूप से दूर हो जाते हैं।
- पानी बचाने के लिए सूखे रंगों और पिगमेंट का इस्तेमाल करें।
- किसी भी स्थिति के लिए प्राथमिक चिकित्सा किट तैयार रखें।
होली के दिन क्या करना है
1. Holi के दिन organic और naturals रंगों का इस्तेमाल करें। जैसे की Food dye।
2. इस दिन आप जो कपडे पहने उससे आपके पुरे शरीर ढका होना चाहिये ताकि जब कोई दूसरा व्यक्ति आपको chemicals से बने रंग लगाये तो आपकी त्वचा कपड़ो की वजह से बच जाए।
3. अपने चेहरे, शरीर और बाल पर कोई भी तेल लगा लें ताकि जब आप रंगों को नहाते वक़्त छुड़ाने की कोशिश करें तो वो आसानी से छुट जाये।
4. रंगों से खेलने के बाद अगर आपको कोई भी शारीरिक परेशानी होना शुरू हो जाये तो तुरंत अपने नजदीकी अस्पताल में इलाज करवाएं।
5. Asthma पीड़ित व्यक्ति face mask का उपयोग रंग खेलते वक़्त जरुर करें।
6. सर पर आप टोपी का इस्तमाल कर सकते हैं ताकि बालों को नुकसान न हो।
होली के दिन क्या नहीं करना है
1. Chemicals से बने रंग या synthetic रंग का इस्तेमाल बिलकुल भी ना करें।
2. रंगों को किसी भी व्यक्ति के आँख, नाक, मुह और कान में ना डालें।
3. होली का दिन अपने परिवार और दोस्तों के साथ मिलकर मनाएं और अजनबियों से दूर ही रहे।
4. Eczema से पीड़ित व्यक्ति रंगों से दूर रहने की कोशिश करें।
5. रंगों को दुसरे किसी पर भी जबरदस्ती ना डालें और ना ही जानवरों पर लगायें जिस तरह ये रंग हमारे लिए खतरनाक हैं उसी तरह ये जानवरों के लिए भी उतना ही खतरनाक हैं।
6. सस्ते chinese रंगों से दूर रहें क्यूंकि वो त्वचा के लिए बहुत हानिकारक है।
होली का त्योहार क्यों मनाया जाता है?
होली का त्यौहार एक आम त्यौहार नहीं है। ये असल में एक ऐसा त्यौहार है जिसमें की बुराई पर अच्छाई की जीत का त्योहार मनाया जाता है। हिंदू धर्म के भगवान विष्णु और उनके भक्त प्रह्लाद के सम्मान में यह त्यौहार पूरे देश में मनाया जाता है।
होली की शुरुआत कैसे हुई?
होली की शुरूवात भारत महादेश में काफ़ी पुराने समय से हुई थी। जानकारों का मानना है की क़रीब 4th century CE से भारत में होली का उत्सव मनाया जाता है।
होली का अर्थ क्या है?
होली शब्द का अर्थ होता है पवित्रता। मानव के जीवन में हमेशा से पवित्रता को सबसे ज़्यादा महत्व देना चाहिए.
होली में रंगों का इस्तमाल क्यूँ किया जाता है?
ऐसा माना जाता है की भगवान कृष्ण अपने दोस्तों के साथ होली के दिन रंगों से खेला करते थे, और तभी से होली को रंगों का त्यौहार भी कहा जाता है।
होली: रंगों और उमंग का त्यौहार
मुझे उम्मीद है की आपको मेरी यह लेख होली क्यों मनाते हैं पसंद आई होगी। आज के समय में होली खुशी और उत्साह का पावन पर्व मना जाता है। लोग एक दूसरे पर रंग लगाते और गले मिलते हैं। रंग-बिरंगी मिठाइयों, गुड़ और भांग का सेवन किया जाता है। होली के पावन अवसर पर कई स्थानों पर लोक नृत्य और संगीत कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं।
होली शांति, प्रेम और एकता का प्रतीक है। यह हमें सीख देता है कि अहंकार और बुराई को त्यागकर विनम्रता और सद्भाव को अपनाना चाहिए। इस पावन त्योहार पर आइए हम उस अच्छाई का जश्न मनाएं जो बुराई पर विजय पाती है।
हमारे तरफ से आप सभी को advance में “Happy Holi”। यदि आप हमें अपने holi मनाने के अंदाज बताना चाहते हैं तब article के अंत में comment जरुर लिखें।