एक बड़े इंतेजर के बाद आखिर वो पल आ ही गया है जब पूरे देश मे CAA NRC कानून को लागू करने की पूरी तैयारी हो चुकी है। CAA NRC के पिछले बड़े विवाद और अटकलो के बावजूद मोदी जी की इस सरकार ने इस वर्ष CAA NRC को लागू करने की प्रक्रियाँ चालू कर दी गयी है। गृह मंत्री अमित शाह के बड़े ऐलान का बाद इस वर्ष चुनाव से पहले इस बड़े कानून को लाने की प्रक्रियाँ को तेज कर दिया गया है।
CAA को जल्द लागू किया जा सकता है, और इसके बाद नागरिकता के लिए ऑनलाइन आवेदन एक अलग Web Portal के माध्यम से किया जा सकेगा। इस पोर्टल को मार्च में शुरू किया जा सकता है, तो हम देखेंगे कि वास्तव में पोर्टल कब लॉन्च होगा और इस पर कैसे आवेदन किया जा सकेगा।
नागरिकता संशोधन कानून, यानी CAA, जल्द ही लागू किया जा सकता है। प्रधानमंत्री मोदी लोकसभा चुनाव से पहले CAA कानून को लागू कर सकते हैं। इसके लिए एक ऑनलाइन पोर्टल लॉन्च किया जाएगा। केंद्र सरकार ने CAA के लिए अलग से एक वेब पोर्टल बना लिया है। एक रिपोर्ट के अनुसार, CAA के लिए ऑनलाइन आवेदन किया जा सकेगा।
कब होगी पोर्टल की शुरुआत
CAA पोर्टल का लॉन्च तारीख का अभी कोई निर्धारण नहीं है। हालांकि, मार्च माह में CAA को लागू किया जा सकता है। CAA की तत्काल प्रभाव से पहले, पोर्टल को लॉन्च किया जा सकता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, CAA पोर्टल पर काम काफी समय से चल रहा है। इसलिए, सरकारी मंजूरी की इंतजार है। जब मंजूरी मिल जाएगी, तो CAA पोर्टल को लॉन्च किया जा सकता है।
CAA NRC मे क्या करना होगा?
CAA पोर्टल पर भारत में नागरिकता के लिए ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है। इसके लिए पोर्टल पर पंजीकरण करना होगा। इसके बाद आवश्यक दस्तावेज़ सबमिट करने की आवश्यकता होगी। फिर, पंजीकरण के बाद, सरकारी जांच की प्रक्रिया होगी। अगर आपके सभी दस्तावेज़ सही होते हैं, तो आपको भारतीय नागरिकता प्रदान की जाएगी।
क्या है CAA NRC कानून
CAA कानून 2019 में बनाया गया था। इसके अंतर्गत, पड़ोसी देशों में रहने वाले अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान है। इसके अंतर्गत, बांग्लादेश, अफगानिस्तान से पीड़ित अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता बिना किसी दस्तावेज़ के दी जाएगी। इसके अन्तर्गत, 6 अल्पसंख्यक समुदायों, जैसे हिंदू, ईसाई, सिख, जैन, बौद्ध, और पारसी, को भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करने का अधिकार होगा। इसके लिए, वे अल्पसंख्यक होने के साथ-साथ, 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आए हों।
CAA NRC
नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) भारत में हाल के वर्षों में चर्चा और विवाद का विषय रहे हैं। दोनों का संबंध भारत की नागरिकता से है, लेकिन इनके उद्देश्य और कार्यान्वयन के तरीके अलग-अलग हैं।
नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) 2019 में भारतीय संसद द्वारा पारित एक कानून है। इस कानून का उद्देश्य अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई धर्म के प्रवासियों को भारतीय नागरिकता प्रदान करना है, बशर्ते वे 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत में प्रवेश कर चुके हों। CAA का उद्देश्य इन छह धर्मों के लोगों को नागरिकता प्रदान करना है, जो इन तीन देशों में धार्मिक उत्पीड़न का सामना कर रहे थे। हालांकि, इस अधिनियम में मुस्लिम प्रवासियों को शामिल नहीं किया गया है, जो कि इसके विरोध का मुख्य कारण बना।
CAA NRC
राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) का उद्देश्य देश के वैध नागरिकों की पहचान करना और अवैध प्रवासियों को बाहर करना है। NRC सबसे पहले असम में लागू किया गया था, जहां इसका मकसद बांग्लादेश से आए अवैध प्रवासियों की पहचान करना था। NRC के तहत प्रत्येक व्यक्ति को अपनी नागरिकता का प्रमाण देना होता है, जिससे यह साबित हो सके कि वे भारत के वैध नागरिक हैं। NRC को लेकर चिंता इस बात की है कि अगर इसे पूरे देश में लागू किया गया तो उन लोगों के लिए नागरिकता साबित करना मुश्किल हो सकता है, जिनके पास उचित दस्तावेज नहीं हैं।
इन दोनों मुद्दों को लेकर भारत में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए हैं। विरोधियों का कहना है कि CAA और NRC मिलकर देश के एक धर्मनिरपेक्ष ढांचे को नुकसान पहुंचा सकते हैं और यह मुसलमानों के साथ भेदभाव करने वाला कदम हो सकता है। वहीं, सरकार का तर्क है कि CAA मानवीय आधार पर शरणार्थियों को नागरिकता प्रदान करने के लिए है और NRC का उद्देश्य केवल अवैध प्रवासियों की पहचान करना है।
CAA और NRC के मुद्दे ने भारत के विभिन्न हिस्सों में गहन बहस और असंतोष को जन्म दिया है। यह मुद्दा सामाजिक और राजनीतिक दृष्टिकोण से बहुत संवेदनशील है और इसके प्रभावों को लेकर अभी भी चर्चा और जांच जारी है।