जब भी बात bullet trains की आती हैं तब हम सभी के मन में जापान की बुलेट ट्रेन का चित्र जरुर से आता है. क्यूंकि जापान ही वो देश हैं जिन्होंने की इन Trains को इतना popular बनाया. अब बात आ ही चुकी है तो मैं आपसे पूछता हूँ की क्या आप जानते हैं ये Bullet Train क्या है? यदि नहीं तब यह article आपके लिए बहुत ही जानकारी भरा होने वाला है।
जापान अपने efficient public transportation system के लिए दुनियाभर में मशहूर है. ये transport system को जापानी में Shinkansen या Bullet Train कहा जाता है. ये करीब सभी बड़े शहरों को आपस में जोड़ता है. वहीँ इसकी highly-advanced technological accomplishment से इस train ने काफी तेजी प्राप्त कर ली है. जो की किसी भी देश के culture, economy, business और society को प्रभावित करता है।
ऐसे में भारत में भी बुलेट ट्रेन और उसके tracks की development शुरू हो चुकी है. इस काम में Japan हमारी पूरी मदद कर रहा है. वहीँ पहले भारत में ये high speed railway थे ही नहीं. इसके आने से जरुर से हमारी economy, business और society पर इसका सही प्रभाव पड़ने वाला है।
बुलेट ट्रेन के बारे में समझने के लिए हमें उसके विषय में सभी जानकारी प्राप्त करनी होगी, वो कैसे काम करता है इत्यादि. इससे हम और भी बेहतर ढंग से समझ सकते हैं. तो फिर बिना देरी किये चलिए शुरू करते हैं और जानते हैं की ये बुलेट ट्रेन क्या होता है।
बुलेट ट्रेन क्या है (What is Bullet Train in Hindi)
Bullet Train को हम High-speed rail (HSR) भी कहते हैं. यह एक नयी type की passenger rail transport है जो की बहुत ज्यादा faster और comfortable है normal traffic train या traditional railways की तुलना में।
इसे Bullet Train इसलिए कहा जाता है क्यूंकि ये bullet (गोली) के रफ्तार से चलता है. ये Trains normal railway tracks में नहीं चल सकती हैं, बल्कि इनके लिए नए tracks और special tracks चाहिए जो की इन्हें इनकी speed को बढ़ने में मदद करते हैं. वहीँ भारत में भी Bullet Train की tracks Train बनाने की प्रक्रिया चल रही है. वहीँ 2 से 3 सालों के भीतर हम और आप भी इन bullet trains पर सफ़र कर रहे होंगे।
High-speed rail (HSR) एक ऐसी प्रकार की rail transport होती है जो की operate करती है बहुत ही ज्यादा तेजी से traditional rail की तुलना में, इसके लिए इसमें एक integrated system का इस्तमाल होता है जो की specialized होता है rolling stock से और इन्हें dedicated tracks की जरुरत होती है।
वैसे कोई ऐसी standard तो नहीं है लेकिन अगर train 250 kilometers per hour से भी तेजी से दौड़े तब उन्हें High-Speed Rail के श्रेणी में रखा जाता है।
बुलेट ट्रेन का इतिहास
जब बात Bullet Train की आती तब हमारे दिमाग में सबसे पहले Japanese Bullet Trains की बात आती है. ये शायद इसलिए क्यूंकि पूरी दुनिया में सबसे तेज चलने वाले Bullet Trains जापान में ही हैं. जापान में Bullet Trains को Shinkansen कहा जाता है।
इसे जापान में करीब 50 सालों पहले launch किया गया था. उस समय के हिसाब से ये Bullet train सबसे तेज गति वाला train था।
समय के साथ साथ Shinkansen की popularity लोगों में काफी बढ़ गयी. और इसे बहुत से लोग अपनाने लगे. सन 1992 में, ये दुनिया का सबसे busiest bullet train line बन गया था. जहाँ average में करीब 23,000 passengers प्रति घंटा per direction में travel करते थे।
बाद में लोगों के demand के कारण एक extensive rail network को extend किया गया पुरे देश में जिसके अंतर्गत Okayama, Fukuoka, और Hiroshima भी शामिल थे, ये बनकर सन 1975 में ख़त्म हुआ।
जैसे जैसे development हुई वैसे वैसे train की speed भी बढ़ने लगी, वहां बहुत से trains के प्रकार develop किये गए जिसमें Sanyo Shinkansen, Joetsu Shinkansen, Chuo Shinkansen, और Tohoku Shinkansen, साथ में train models, जैसे की 100 Series, 300 Series, 500 Series, और 700 Series शामिल हैं. इन्हें regular interval में शामिल किया गया।
बुलेट ट्रेन का आविष्कार किसने किया था?
Bullet Train का आविष्कार Hideo Shima (Shima Hideo, 20 May 1901 – 18 March 1998) ने किया था. वो एक Japanese engineer थे जो की main driving force थे पहला bullet train (Shinkansen) के development के पीछे।
भारतीय बुलेट ट्रेन की खासियत क्या होने वाली है?
भारत में Mumbai-Ahmedabad bullet train project जोरो सोरों से चल रहा है, जिसे की August 2022 तक हो जाना चाहिए. ये इसलिए ज्यादा ख़ास है क्यूंकि इसमें बहुत सी बेहतरीन facilities प्रदान की जा रही हैं जो की लोगों के काफी काम आने वाली हैं।
NHSRCL के द्वारा इस high-speed train corridor project को implement किया जा रहा है जो की Ahmedabad और Mumbai के बीच होगा. इस proposed High-Speed Railway Corridor की total लम्बाई करीब 508.17 km होगी।
यहाँ dedicated child feeding room से लेकर extra-spacious toilets, separate washrooms पुरुषों और स्त्रियों के लिए, सच में ये train यात्रियों के एक luxury experience प्रदान करने वाला है।
बच्चों के लिए इसमें special facilities होने वाला है।
यह train 750-seater होने वाला है जो की बहुत सी facilities प्रदान करने वाला है. इस train में special facilities होंगे रोग से पीड़ित लोगों के लिए, luggage space का प्रबंध होगा passengers के लिए, दो extra-spacious toilets भी होंगी wheelchair-bound passengers के लिए।
ये 10-coach high-speed train में baby toilet seats, diaper disposal के लिए table, और छोटे बच्चों के लिए low sink होने वाला है हाथ धोने के लिए।
इसमें आपको freezer, tea/coffee maker भी मिलने वाला है।
इस नयी generation Japanese high-speed train में, जहाँ की 55 seats हैं business class में और 695 seats हैं standard class, उसमें wall-mounted type urinals का प्रबंध किया जाने वाला है पुरुषों के लिए.
Blueprints के हिसाब से, urinals और toilets को alternate coaches में install किये जायेंगे।
Bullet train में आपको automatic seat rotation system भी मिलेगी।
इस train के coaches में आपको comfortable automatic seat rotation system की सुविधा प्रदान की जाएगी. साथ ही coaches में LCD screens होंगी जो की display करेंगी current station, next stopping station, destination, schedule, और expected time कितना लगेगा आपको next stop या destination stations पहुँचने में।
बुलेट ट्रेन कैसे काम करता है?
यदि आपको जानना है की Bullet Train कैसे काम करते हैं तब इसके लिए आपको पहले ये जानना होगा की magnets कैसे काम करते हैं. वहीँ इसमें हमें ये समझना होगा की maglev (magnetic levitation) trains की technology कैसे work करती है।
प्रत्येक magnet की दो poles होती हैं एक north pole और दूसरा है एक south pole. ये तो शायद आप जानते होंगे की Magnet के Similar poles हमेशा repel करते हैं एक दुसरे को; वहीँ opposite poles हमेशा attract करते हैं एक दुसरे को. ये principles ही है जो की govern करती हैं maglev trains की levitation को।
Permanent magnets हमेशा magnetic होते हैं. वहीँ Electromagnets केवल तभी magnetic होते हैं जब एक electric current उनमें से होकर flow करे. Electromagnet का north और south poles ही सम्बंधित होते हैं current के direction के साथ. अगर current की direction को reverse कर दिया जाये, तब poles भी reverse हो जाती हैं।
वहीँ maglevs में यही levitate करता है magnetic repulsion के द्वारा, इसमें train लिटा हुआ होता है guideway के ऊपर. Magnets जो की guideway के top में होता है वो orient होते हैं magnets के similar poles को repel करने के लिए जो की maglev के bottom में होता है।
इससे होता ये हैं की ये train को ऊपर धकेलती है जिससे की train एक hovering position (तैरता) है. इस system को design किया गया होता है maglevs के लिए जिसमें की extremely powerful superconducting electromagnets के groups स्तिथ होते हैं।
ये magnets बहुत ही कम electricity का इस्तमाल करते हैं conventional electromagnets की तुलना में, लेकिन इन्हें cool भी करना होता है बहुत ही low temperatures में — जी की हाँ −269 degrees Celsius से −196 degrees Celsius.
Maglevs में जो की levitate होता है magnetic attraction के द्वारा, इसमें train का bottom wrap होता है guideway के around. Levitation magnets जो की guideway के underside में होता है उन्हें position किया गया होता है attract करने के लिए magnets के opposite poles को वो भी maglev के wraparound section में।
इससे train track के ऊपर उठा हुआ होता है. यहाँ magnets जिनका इस्तमाल guideway में हुआ होता है wraparound section को attract करने के लिए, वो सिर्फ इतने ही strong होने चहिये जिससे की वो train को केवल कुछ centimeters ही ऊपर उठा सके वो भी एक “floating” position में. इसमें wraparound section guideway को touch ही नहीं करता है।
आप यहाँ पर सोच सकते हैं आपके हाथ में ऐसा bracelet है जो की हाथों को touch ही नहीं किया है
यदि आपको picturize करना है की कैसे एक maglev train आगे बढ़ता है, तब इसके लिए आपको सोचना होगा तीन bar magnets के बारे में जो की एक floor में lined up हों।
इसमें magnet जो की front में है वो आगे pull हो रहा है एक attracting (opposite) magnetic pole के द्वारा और वो magnet जो की back में वो push हो रहा है एक repulsing (similar) magnetic pole के द्वारा।
यहाँ magnet जो की middle में है वो आगे move कर रहा है. एक maglev guideway में एक long line होती है electromagnets की. यही Train को आगे खींचता है और पीछे से धक्का देता है. यहाँ पर electromagnets powered होते हैं controlled alternating currents के द्वारा, जिससे की ये आसानी से change कर सकें pull और push poles को, और जिससे train continually ही आगे propel हो सके forward जाने में।
बुलेट ट्रेन परियोजना भारत में
भारत सरकार ने देश ही पहली Bullet Train परियोजना के आधार पर Mumbai–Ahmedabad High Speed Rail Corridor को चुना है. यह एक high-speed rail line है जो की फिलहाल under construction है।
जब ये complete हो जायेगा तब ये connect करने वाला है दो बड़े शहरों को जो की हैं Ahmedabad, Gujarat, और भारत की economic hub Mumbai. ये भारत का सबसे पहला high-speed rail line होने वाला है।
इस परियोजना की शुरुवात August 2018 में हुआ जब Sabarmati terminus की जमीन अधिकरण की गयी थी, और साथ में इस परियोजना की समाप्ति का समय 15 August 2022 तक रखा गया है. इस bullet train परियोजना को करने में Japan हमारी सहायता कर रहा है।
Bullet Train में किन Technology का इस्तमाल होता है?
Bullet Train या फिर Shinkansen की सफलता के पीछे बहुत से प्रकार की technology का हाथ रहा है. तो चलिए इन सभी technology के विषय में जानते हैं :-
(1) एक streamlined body का होना
यदि किसी train को 200 kilometers per hour (130 miles per hour) या उससे ज्यादा की गति प्राप्त करनी है तब trains की body को aerodynamic (जिससे उन्हें कम wind resistance मिले) होना चाहिए. यही कारण है की bullet train का अग्र भाग aeroplane के नाक के तरह होता है।
(2) Minimizing vibration
जब trains उनकी high speeds में होती हैं, तब train की wheels vibrate करने लगती हैं rails के ऊपर. यदि यही vibration पहुँच जाये passenger compartments तक, तब इससे वो गिर भी सकते हैं।
इसे दूर करने के लिए, passenger compartments को flatcars के top पर रखा जाता है. इन्हें fit किया जाता है एक air spring से जो की इस्तमाल करता है compressed air का जिससे wheel vibration को absorb किया जा सके और वो passenger compartments तक न पहुँच सके।
(3) Modern tracks का होना
जब तक Shinkansen को बनाया नहीं गया था, Japan में wide-gauge (1,435 millimeters wide) railway tracks नहीं थे, जो की दुनिया भर में एक standard के तोर पर इस्तमाल किया जाता है. वहीँ Japanese trains पहले narrow-gauge tracks (1,067 millimeters wide) में ही run किया करते थे।
जब उन्हें पता चला की wide-gauge railway tracks की जरुरत है ज्यादा सामान को और ज्यादा लोगों को एक जगह से दुसरे जगह तक ले जाने के लिए इस्तमाल करना चाहिए. तब ऐसे में bullet trains के लिए wide-gauge का निर्माण किया गया।
इसमें trains बहुत ही तेजी से travel कर पाती हैं, साथ में bullet train tracks में आपको कोई भी sharp curves नहीं मिलेंगी. इसके अलावा Shinkansen tracks कभी भी दुसरे railway lines को वही समान level में cross नहीं करती हैं, जिससे उन्हें किसी दुसरे train के लिए wait नहीं करना पड़ता है pass करने के लिए।
(4) Automatic Train Control
जहाँ regular trains में, drivers adjust करते हैं train की speed को signals के according से जिन्हें वो देखते है tracks में. वहीँ bullet train करीब 230 kilometers per hour के speed से travel करती हैं।
ऐसे में drivers के पास समय ही नहीं होता है इन signals को पढने के लिए।
इसलिए Shinkansen trains में एक अलग प्रकार का speed control system होता है, जिसे की ATC कहा जाता है. इस system में, speed information को transmit किया जाता है along the track और इसे receive किया जाता है एक signal से जो की attach होता है driver के seat से।
इससे ATC automatically train को उस निर्धारित speed में run कराता है. ये bullet train Centralized Traffic Control के ऊपर भी निर्भर करता है, एक ऐसा system जो की ये तय करता है की, trains के बीच में इतना समय और distance जरुर हो ताकि ये high-speed train system operate करे smoothly और safely।
इन्ही technology के मदद से, ये bullet train अभी तक भी सही ढंग से चल रहा है जब से इसकी शुरुवात की गयी है. वहीँ साथ में ज्यादा बड़ा को accidents भी अभी तक report नहीं किया गया है।
बुलेट ट्रेन कोनसी एनर्जी से चलती है?
Bullet Train या High speed trains ज्यादातर ELECTRICITY से ही चलती है, इसमें over head power supply line पूरी तरह से dedicate किया गया होता है इन trains के लिए।
ये Overhead power supply lines में करीब 25000 volt AC supply दौड़ रही होती है .
यहाँ तक की दुनिया की सबसे best JAPANESE TRAINS (Bullet Train) में ही overhead supply lines का इस्तमाल किया जाता है।
Bullet Trains में क्यूँ OVER HEAD SUPPLY LINES का इस्तमाल किया जाता है?
आपके मन में ये सवाल का आना बड़ा ही लाजमी है. क्यूंकि आप लोगों ने सुना भी होगा की trains तो diesel या कोयला से भी चलते हैं. ऐसे में Over Head Supply Lines ही क्यूँ. तो चलिए इसके पीछे के कारण के विषय में जानते हैं।
1. अगर electric supply को rail में दिया जाये तब high precaution लेना पड़ेगा, ये भी ध्यान देना होगा की जैसे supply कभी भी grounded न हो।
2. अगर Electricity को supply किया जाये rails में, तब बहुत ज्यादा protection करना होगा क्यूंकि इसमें लोगों को electric shock से झटका लगने के ज्यादा chances बन जाते हैं।
3. Rail में supply देने से maintenance ज्यादा costly हो जाता है।
4. Workers के लिए Regular rail check up करना possible ही नहीं हो पायेगा।
5. Railway Line के इर्द गिर्द Fences भी देना होगा जिसमें की ज्यादा खर्चा है।
6. बड़े प्राकृतिक विपदा जैसे की बाड़ में ज्यादा नुकसान हो सकती है और साथ में बिजली का भी डर होता है।
7. अगर rail में थोडा बहुत भी replacement work करना पड़े तब पुरे line को disable करना होगा जिससे railways का काफी घाटा है।
इतनी सारी मुश्किलों के होने के वजह से ही Over Head Supply Lines का इस्तमाल किया जाता है।
बुलेट ट्रेन के लाभ?
चलिए अब Bullet Train के advantages के विषय में जानते हैं।
1. Dependable होता है
इस high speed railway transport का सबसे advantage यह है की ये बहुत ही dependable mode of transport होता है, जो की किसी भी मौसम से बहुत ही कम प्रभावित होता है, जैसे की बारिस, fog, इत्यादि।
2. बेहतर Organized होता है
ये rail transport बहुत ही बेहतर तरीके से organized होते हैं किसी दुसरे form के transport से. वहीँ इसकी fixed routes और schedules होते हैं. वहीँ इसकी service भी ज्यादा certain, uniform और regular होते हैं, यदि हम इसे किसी दुसरे transport mode से तुलना करें तब।
3. High Speed होता है Long Distances में
केवल वायु मार्ग को छोड़कर, इसके जितनी गति कोई भी प्रदान नहीं कर सकता है. इसलिए लम्बी दूरियों के लिए यह एक बहुत ही उपयुक्त mode of transportation होता है।
4. ज्यादा Suitable होता है Bulky और Heavy Goods के लिए
Railway transport ज्यादा economical, quicker (गतिमान) और साथ में वजनदार चीज़ों को एक जगह से दुसरे जगह तक ले जाने में सहायक होते हैं।
5. Cheaper Transport
किसी दुसरे transportation mode की तुलना में ये high speed railway (bullet train) थोड़े सस्ते भी होते हैं, क्यूंकि लम्बी दूरियों में खर्च कम ही होता है. साथ में इन्हें सरकार के द्वारा संचालित होने के कारण इनकी ज्यादातर खर्च सरकार खुद pay करता है. वहीँ लोगों के सुविधा के लिए भी सरकार ticket मूल्य का ज्यादातर हिस्सा खुद वहन करते हैं।
6. Safety
इनकी technology बहुत ही advanced होती हैं जिसमें safety को बहुत ज्यादा महत्व दिया गया होता है. जिसके कारण ऐसे बहुत ही कम cases होते हैं जहाँ की इन्हें कुछ नुकशान पहुंचे।
7. Larger Capacity का होना
यदि हम सभी transport modes की तुलना करें तब Bullets Trains या दूसरी कोई trains की चीज़ें ले जाने की capacity सबसे ज्यादा होती है. वहीँ इसमें coaches को बढाया भी जा सकता है।
बुलेट ट्रेन की Drawbacks क्या हैं?
यदि हम Bullet train की drawabacks या disadvantages की बात करें तब इसकी ticket की कीमत एक normal train के तुलना में ज्यादा होती है, जिसके कारण इसे एक normal इन्सान के पक्ष में चूका पाना थोडा कठिन होता है।
चूँकि इसके बनाने और maintainence में बहुत सारा खर्च होता है, इसी कारण इसके tickets के मूल्य को इसप्रकार रखा गया है।
इसके maintainence में बहुत ही ज्यादा खर्चा होता है।
बुलेट ट्रेन की स्पीड कितनी होती है?
एक परिक्ष्या के दौरान यह देखा गया है के जापान की सबसे तेज बुलेट ट्रेन अधिकतम 500-600 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकती है. पर, भारत में ये बुलेट ट्रेन 320 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलेगी.
बुलेट ट्रेन का किराया कितना है?
सुनने में आया है की Bullet Train का किराया normal trains की तुलना में थोडा ज्यादा ही होगा जो की प्रति 500km के लिए Rs.1500–2000/- तक होने वाली है.
बुलेट ट्रेन भारत में कब चलेगा?
भारत में Bullet Train करीब 15 August 2022 तक चलने के संभावनाएं हैं, इसमें दो चार महीनों का फरक भी हो सकता है.
भारत में बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के लिए कौन देश मदद करेगा?
यह एक बहुत ही बड़ा प्रोजेक्ट है और जापान बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट में भारत की मदद करेगा. समझौते के मुताबिक जापान भारत को टेक्नोलॉजी का ट्रांसफर करेगा और भारत में साजो-सामान बनाने में भी मदद करेगा.
किस देश ने सबसे लंबी बुलेट रेल लाइन लॉन्च की है?
पूरी दुनिया में सबसे लम्बी Bullet Rail Line China में स्तिथ है. ये चीन के दो मुख्य शहर Beijing और Guangzhou को आपस में जोडती है. ये Beijing-Guangzhou High Speed Line को December 2012 में पहली बार open किया गया था. इसकी लम्बाई करीब 2298km है. इस दुरी को जहाँ पहले 22 घंटे लगते थे वहीँ अब केवल 8 घंटे ही लगते हैं.
बुलेट ट्रेन में ड्राइवर होते होते हैं कि नहीं?
इसका जवाब है जी बिलकुल होते हैं. ये drivers का कार्य होता है train को safely run करें , साथ में अगर कोई भी glitch या error सामने आये तो तुरंत ही दुसरे team members तक खबर पहुंचाएं.
किन देशों में बुलेट ट्रेन महजुद हैं?
पूरी दुनिया में ऐसे कुछ देश हैं जो की अपने लिए bullet train या high-speed rail को develop कर लिया है. टी चलिए ऐसे देशों के विषय में जानते हैं. इन देशों में Austria, Belgium, China, France, Germany, Italy, Japan, Poland, Portugal, Russia, South Korea, Spain, Sweden, Taiwan, Turkey, United Kingdom, United States, Uzbekistan और अब India भी इस list में add होने वाला है. इनमें से केवल China में ही इसकी routes लगभग 22,000 kilometers (14,000 miles) of HSR में फैली हुई है, जो की करीब two-thirds है पूरी दुनिया का.
आज आपने क्या सीखा
मुझे उम्मीद है की आपको मेरी यह लेख बुलेट ट्रेन क्या है (What is Bullet Train in Hindi) जरुर पसंद आई होगी. मेरी हमेशा से यही कोशिश रहती है की readers को बुलेट ट्रेन के बारे में जानकारी प्रदान की जाये जिससे उन्हें किसी दुसरे sites या internet में उस article के सन्दर्भ में खोजने की जरुरत ही नहीं है. इससे उनकी समय की बचत भी होगी और एक ही जगह में उन्हें सभी information भी मिल जायेंगे।
यदि आपके मन में इस article को लेकर कोई भी doubts हैं या आप चाहते हैं की इसमें कुछ सुधार होनी चाहिए तब इसके लिए आप नीच comments लिख सकते हैं।
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